
राधे-राधे,
हमारे जीवन में भगवान कई बार साक्षात् सामने आ खड़े होते हैं मगर हम जैसे इस संसारिकता का चश्मा लगाये लोगों को उन्हें पहचान पाना मुश्किल ही होता है, और जब समझ आता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है, ऐसा ही एक अनुभव मुझे कुछ समय पहले हुआ था, मैं साईबाबा का गुरुवार का व्रत किया करती थी और उस गुरुवार को उद्द्यापन करना था, मैंने भोग तैयार किया और और सोचा जा कर साईं बाबा के मंदिर में भोग पहुंचा आऊँ, और बस पास ही बिल्डिंग के पीछे एक छोया सा साईं बाबा का मंदिर था वहीँ दर्शन के लिए चली गयी, कोई भी वहां दिखाई नहीं दिया, ऐसे ही छोटा सा गेट था जो lock नहीं था मगर बंद था, मैंने इधर-उधर देखा मगर कोई भी दिखाई नहीं दिया, मैं गेट खोल के अन्दर गयी और बाबा को प्रणाम किया, तथा भोग उनके चरणों में रख दिया और उनसे कहा " साईं बाबा खा लेना, जरूर" और मैं निकल के बाहर आगई, गेट को पहले जैसा बंद करने लगी, तभी एक यवन (मुस्लिम वेश धारी) ने मुझसे पीछे से आकर कहा "अरे खुला रहने दो मैं अन्दर जाऊंगा", मैंने उन्हें देखा तो वो मुस्कुराते हुए खड़े थे, मुझे थोडा उनका इस तरह से मुस्कुराना अटपटा लगा, मैंने उनसे पूछा "आप बाद में बंद करके जायेंगे ना? ", उन्होंने हाँ कहा और मैं वापस आने लगी, मगर देखिये मेरे मन में एक बुरी बात आयी कि अरे ये तो कैसे गंदे कपडे पहने हैं कितनी अजीब वेशभूषा है इस आदमी कि, कहीं ये न उठा ले जाये भोग, और इतना सोचते-२ ही अचानक याद आया कि साईं सद्चरित्र में हमेशा ही ये लिखा होता है कि बाबा यवन रूप में आये, कहीं ये बाबा ही तो नहीं हैं? अब मुझे अपनी गलती का तुरंत ही एहसास हो गया था मैंने पलट कर मंदिर के अन्दर देखा मगर वहां मुझे कोई भी फिर दिखाई नहीं दिया, मुझे बुरा लगने लगा था क्योंकि समझ आगया था कि हाँ वो बाबा ही थे,अब तो उस चहरे पे फैली वो मुस्कराहट याद आने लगी और तब से लेकर आज तक वो पल मेरे आँखों के आगे वैसे के वैसे घुमते रहते हैं, मुझे वो चेहरा वो आवाज जो कि बहुत ही सोफ्ट थी आज भी याद है, मै थोड़े गिल्ट थोड़ी ख़ुशी के साथ घर आयी और माँ को बताया सब कुछ, तो माँ ने कहा " चल तेरा भोग तो उन्होंने खुद आकर ग्रहण कर लिया न और जहाँ तक उन्हें पहचानने कि बात है, तो देर से ही सही पहचान तो लिया ना तूने उन्हें , उनके साक्षात् दर्शन हो गए और क्या चाहिए." ,हाँ, माँ कि ये बात सुन कर मुझे थोडा सुकून मिला, और इस बात कि तसल्ली हुई कि बाबा ने मुझे साक्षात् दर्शन दिए.
आज के लिए इतना ही काफी है, बहुत जल्दी और भी अनुभव आप लोगों के संग बाँटना चाहूंगी तब तक के लिए आज्ञा दीजिये, जय श्री राधे, जय श्री कृष्ण, जय गुरुदेव, ॐ श्री साईं नाथाय नमः:|

Jai Sai Baba🙏
ReplyDeleteSai mahima nyari hai.jai sai nath
ReplyDeleteSabka maalik ek hai
ReplyDeleteSainath hamlogo ki madad kigiye
ReplyDeleteSaibaba sabki madad Karte hai hamlogo ko bhi bachaiye prabhu
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