Thursday, November 25, 2010

mera pranaam

!! ॐ गं गणपतये नमः !!                 !!ॐ गुरुवे नमः !!               !! ॐ श्री कृष्णाय नमः !!   

आज पहली बार मै यह ब्लॉग उनसभी को अपना प्रणाम प्रेषित करने के लिए कर रही हूँ आशा है जिस कारण मै ये ब्लॉग शुरू कर रही हूँ उसमे आप सभी का साथ  मुझे मिलेगा और आशा है की आप   सब भी इस कार्य में मेरे साथ अपने spiritual thaughts शेयर करेंगे.
                             जैसा की इस ब्लॉग के जरिये मै अपनी आद्ध्यात्मिक अनुभवों को  जो अभी तक दबे  हुये  थे  वो बताने की कोशिश कर रही हुं..............................
                             वैसे तो इस धरती पर जन्म लेने वाला प्रत्येक प्राणी किसी न किसी तरह से जाने अनजाने में उस परम पूज्य परमात्मा से जुड़ा हुआ है भले ही वोह इस बात को मानता हो या न हो मगर कोई शक्ति तो है जो उनकों इस दुनिया में जीवन व जीने की वो सारी सुविधाएं प्रदान कर रही है जिसको उसे न मानने पर भी मानना पड़ता है , इस बात में तो मुझे कोई दुविधा नहीं है की एक जानवर जिस में एक आदमी से सोचने की शक्ति कुछ कम ही है वोह भी हो नहो ये तो जरूर सोचता ही होगा तभी जब भी मैं किसी ऐसे प्राणी को देखती हूँ तो सोचने पर मजबूर हो जाती हूँ की क्या भगवान इन्हें दर्शन देते होंगे साक्षात् ? क्योंकि एक ऐसे प्राणी में तो वो ही एक बच्चे का सा दिल रहता है और मैंने सुना है की भगवान को तो कोमल और निष्कपट लोगों से ज्यादा प्यार होता है तो क्या उन्हें हमेशा ही ये एहसास नहीं होता होगा ? मैं तो मानती हूँ की ये सच है क्या आप भी इस बात पे विश्वास करते हैं?

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